
mutual fund
These are the 7 biggest myths about investing through SIP, remove them and stay in profit.
SIP निवेश मिथक: क्या आपके मन में भी म्यूचुअल फंड, SIP, निवेश जैसे शब्द सुनकर भारी भरकम रखने आने लगते हैं, और आपको लगने लगता है कि यह आपकी बस की बात नहीं है। दरअसल ऐसा इसलिए है क्योंकि आपको इन चीजों को लेकर या तो अधूरी जानकारी है, या फिर जो भी जानकारी है वह गलत है।
एसआईपी के सामान्य मिथक:- क्या आपके मन में भी म्यूचुअल फंड, एसआईपी, निवेश जैसे शब्द सुनकर भारी भरकम रखने आने लगते हैं, और आपको लगने लगता है कि यह आपकी बस की बात नहीं है। दरअसल ऐसा इसलिए है क्योंकि आपको इन चीजों को लेकर या तो अधूरी जानकारी है, या फिर जो भी जानकारी है वह गलत है। हम यहाँ पर आपको सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) को लेकर 7 ऐसी मिथक यानी मिथक बताने जा रहे हैं जो अक्सर लोगों के मन में रहते हैं।
मिथक संख्या 1- एसआईपी सिर्फ छोटे अधिकारियों के लिए है।
सच्चाई- ऐसा सोचना बिल्कुल गलत है। SIP की शुरुआत आप भले ही केवल 500 या 100 रुपये की छोटी राशि से कर सकते हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप राशि बढ़ा सकते हैं। आप 1 लाख रुपये या इससे अधिक की राशि भी SIP के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। आपको SIP के माध्यम से कितने पैसे का निवेश करना है यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपका लक्ष्य कैसा है।
मिथक नंबर 2: SIP एक 'निवेश प्रोडक्ट' है
सच्चाई- SIP का मतलब होता है, सिस्टैटिक इनवेस्टमेंट प्लान, ये कोई प्रोडक्ट नहीं है, बल्कि एक तरीका है जिसके जरिए आप म्यूचुअल फंड में रेगुलर फंड पर इन्वेस्टमेंट करते हैं। मतलब आप SIP के जरिए निवेश करते हैं, SIP में निवेश नहीं करते हैं। SIP के जरिए आप उस म्यूचुअल फंड को चुन सकते हैं जिसमें आप निवेश करना चाहते हैं और पैसे डालते हैं। आप अपनी रिस्क क्षमता के अनुसार आनुवंशिक या डेट म्यूचुअल फंड का चुनाव करते हैं।
मिथक संख्या 3- बाजार में उछाल के दौरान एसआईपी न करें
सच्चाई: ये आमतौर पर हर दूसरे व्यक्ति की सोच है कि बाजार जब गिरेगा तब हम एसआईपी के जरिए निवेश करेंगे। जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है। लंबी अवधि के लिए SIP करने पर बाजार के उतार चढ़ाव का आपका निवेश पर असर नहीं पड़ता है, यानी आप resular SIP करते हैं तो बाजार की गिरावट में आपको ज्यादा इकाई मिलती है, और जब बाजार चढ़ता है तो कम, ऐसे में लंबी अवधि में बाजार के उतार चढ़ाव का असर खत्म हो जाता है।
इसे भी पढ़ें:- जोरोधा एप्लीकेशन में मुफ्त में एकाउंट कैसे खोलें | How To Open Free Account In Zerodha Application ?
मिथक नंबर 4: SIP की राशि को बदल नहीं सकता
सच्चाई: इस भ्रम को दिमाग से निकाल दें, SIP इतना फ्लेक्सिबल है कि आप जब चाहें निवेश की राशि को शनिवार या बढ़ा सकते हैं। जब आप लगे कि आप SIP की राशि में इजाफा करना चाहते हैं या घटाना चाहते हैं, तो आप कर सकते हैं। आप निवेश की समय सीमा को बहुत अधिक या बढ़ा सकते हैं।
हालांकि कुछ फंडों के लिए SIP की न्यूनतम राशि और समयसीमा तय होती है। आपको इसे बदलने के लिए दस्तावेज़ और फ़ॉर्म भरने की ज़रूरत होगी। लेकिन कोई भी निशान या शुल्क नहीं लगेगा।
मिथक नंबर 5- जब बाजार गिरे तो एसआईपी रोक दें
सच्चाई- जब शेयर बाजार में गिरावट होती है तो एसआईपी के जरिए आप ज्यादा से ज्यादा यूनिट्स हासिल करते हैं, ऐसे में ये कहते हैं कि जब शेयर बाजार टूटता है तो अपनी एसआईपी रोक देना चाहिए, सही सलाह नहीं है। बल्कि यदि आप ऐसा करते हैं तो आप बाजार में बेहतरीन कमाई का मौका गंवा रहे हैं। SIP के माध्यम से निवेश करने का उद्देश्य ही फेल हो जाएगा यदि आप बाजार की गिरावट में निवेश बंद कर देंगे। हां आप ये जरूर कर सकते हैं कि अपने निवेश लक्ष्यों को हासिल करने के लिए अच्छे म्यूचुअल फंडों का चुनाव करें और रिज़र्व SIP जारी रखें
मिथक संख्या 6- एक ही एसआईपी वर्षों तक चले गए हैं
सच्चाई- अक्सर लोग एक ही SIP की राशि को सालों तक जारी रखते हैं, लेकिन अगर आप मोटे पैसे जमा करना चाहते हैं तो समय समय पर आपको SIP की राशि को भी बढ़ाते रहना चाहिए। जैसे हर साल आपकी सैलरी बढ़ती है तो उसी अनुपात में आपकी एसआईपी की राशि भी बढ़नी चाहिए।
मिथक नंबर 7- एसआईपी सर्ंटीड रिटर्न देता है
सच्चाई- एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश से आपको रिटर्न की कोई गारंटी नहीं मिलती है। म्यूचुअल फंड्स मार्केट लिंक्ड होते हैं इसलिए जैसे मार्केट परफॉर्म करता है वैसे ही आपका रिटर्न भी प्रभावित होता है। लेकिन लंबी अवधि में SIP के जरिए निवेश से आप अच्छे रिटर्न हासिल करते हैं। जो आमतौर पर दूसरे पुराने डेट इंस्ट्रूमेंट्स से ज्यादा होता है।
0 Comments: